
यूपी का बुलंदशहर एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण कोई अपराध नहीं — बल्कि हेलमेट और कार का अनोखा रिश्ता है।
जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में मनीष राणा, जो आजाद अधिकार सेना के जिला अध्यक्ष हैं, अपनी पत्नी को दवाई दिलाने कार से निकले थे।
रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोका और कहा — “साहब, आपने हेलमेट नहीं पहना है, 1000 रुपये का चालान बनता है।”
अब जनता सोच में है — क्या अब कार में भी हेलमेट अनिवार्य है या ट्रैफिक नियमों में नया GPS अपडेट आया है?
“अब कार में हेलमेट, स्कूटर पर सीट बेल्ट — यूपी पुलिस 2050 की तैयारी में है।” “लगता है अब एयरबैग नहीं, बाइक हेलमेट कार एक्सेसरी बनेगा।”
मनीष राणा बोले — ‘पुलिस को नियम याद नहीं, जनता को सज़ा मिल रही है’
मनीष राणा ने पुलिस की इस ‘क्रिएटिविटी’ पर आपत्ति जताते हुए कहा — “कार में हेलमेट का कोई नियम नहीं है। यह चालान पूरी तरह गलत है।” उन्होंने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है और एक ऑडियो जारी कर कहा — “अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हमारी पार्टी इसे बड़े स्तर पर उठाएगी।”
यानी बुलंदशहर का यह हेलमेट-इन-कार केस अब राजनीतिक स्पीड ब्रेकर बनने की राह पर है।
पुलिस बोली – ‘जानकारी नहीं है, जांच करेंगे’ (यानी वही पुराना टेम्पलेट)
जहांगीराबाद थाना प्रभारी का कहना है — “हमें मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत है और जांच कराई जाएगी।”
‘ट्रैफिक रूल्स का Next Level अपडेट!’
अगर यही ट्रेंड चलता रहा तो आने वाले समय में — बस में चढ़ने से पहले नी कैप जरूरी होगा। ट्रेन में बैठने से पहले सीट बेल्ट चेकपोस्ट लगेगा। और पैदल चलने पर भी सड़क पर स्लो मोशन चालान हो सकता है। यूपी में अब कानून सिर्फ सख्त नहीं, इनोवेटिव भी हो गया है।
बुलंदशहर की यह घटना सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि एक मीम मटेरियल बन चुकी है। कानून व्यवस्था मजबूत हो, ये सबको चाहिए — लेकिन अगर कार में हेलमेट लगाना शुरू हुआ, तो अगला कदम होगा — “सोने से पहले चालान भरना।”

